ब्राह्मण साम्राज्य का इतिहास

ब्राह्मण साम्राज्य का इतिहास | Brahmin kingdom | अंतिम मौर्य शासक वृहदरथ की हत्या कर मगध पर मौर्य शासन को समाप्त कर पुष्यमित्र शुंग ने एक नए राजवंश जिसे शुंगवंश कहा जाता है‚ की नींव डाली थी और इसी के साथ ब्राह्मण साम्राज्य का उदय हुआ Ι ब्राह्मण साम्राज्य का इतिहास पुष्यमित्र शुंग(185 ईस्वी पूर्व – … Read more

इस्लाम धर्म का इतिहास History of Islam

इस्लाम धर्म का इतिहास History of Islam

इस्लाम धर्म का इतिहास History of Islam इसका प्रारम्भ काफी ज्यादा आश्चर्य जनक तो हे ही परन्तु इस पर आज भी समाचारों में चर्चा देखने को मिलती हैं। इस्लामिक देशों में इसका अपना ही एक अलग परिचय हैं परन्तु आज हम इसे छोटे छोटे पॉइंट में देखेंगे जिससे की आपको समझने में आसानी हो। इस्लाम धर्म … Read more

भारत में शिक्षा का विकास

भारत में शिक्षा का विकास अन्य क्षेत्र की भांति ही, भारत में शिक्षा नीतियों को भी धीरे धीरे औपनिवेशिक शासकों के विचारों और हितों के अनुरूप ढाला गया था। प्रारम्भ में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में शिक्षा का विकास की किसी भी प्रणाली को बढ़ावा देने में रूचि नहीं दिखाई थी। ब्रिटिश ने भारत … Read more

1857 का विद्रोह 

1857 का विद्रोह की जड़ कहीं न कहीं ब्रिटिश औपनिवेशिक निति में निहित थी Ι औद्योगिक पूंजीवाद अथवा मुक्त अर्थव्यवस्था के चरण में ब्रिटिश द्वारा भारत में आर्थिक‚ सामाजिक और सांस्कृतिक सरंचना में व्यापक परिवर्तन लाने के विरोध में भारत के विभिन सामाजिक वर्गो की प्रतिकिरया थी Ι Read more about ( प्लासी का युद्ध … Read more

अकबर

अकबर (Akbar) भारतीय इतिहास में मुग़ल साम्राज्य के तीसरे सम्राट (मुग़ल सम्राट) अकबर विलियम आक्रमनकारी बाबर के पोते और हुमायूँ के पुत्र थे। वह 1556 से 1605 तक मुग़ल साम्राज्य का सम्राट रहे और इसे एक महत्वपूर्ण और उदाहरणीय शासक के रूप में याद किया जाता है। अकबर का शासन भारतीय इतिहास में एक समृद्धि … Read more

मुग़ल सम्राज्य का पतन

मुग़ल सम्राज्य का पतन इंडिया के इतिहास में महत्वपूर्ण घटना था, और यह अनेक कारणों के संयोजन से हुआ। मुग़ल साम्राज्य का पतन निम्नलिखित कारणों के कारण हुआ: आरंभिक सुखदायक साम्राज्य: मुग़ल सम्राज्य का आरंभ बहादुर शाह जफर (1526-1530) के साथ हुआ था और मुग़ल सम्राज्य का पतन इसका आरंभकाल बहुत ही सुखद था। हुमायूं, … Read more

भारतीय संविधान

भारतीय सविधान 1757 ईस्वी की प्ले की लड़ाई और 1764 ईस्वी के बक्सर के युद्ध को अंग्रेजों द्वारा जीत लिए जाने के बाद बंगाल पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने शासन का शिंकजा कसा। इसी शासन को अपने अनुकूल बने रखने के लिए अंग्रेजों ने समय समय पर कई एक्ट पारित किये, जो भारतीय सविधान … Read more

प्लासी का युद्ध

प्लासी का युद्ध 23 जून, 1757 को बंगाल के नवाब सिराज – उद – दौला की सेना और रोबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के बिच हुआ। सिराज उद दौला की सेना की संख्या लगभग 50,000 थी, तथा अंग्रेजों की सेना की संख्या मात्र 3,200 थी। परन्तु सिराज उद दौला के … Read more

purtgali kon the पुर्तगाल का इतिहास

purtgali kon the पुर्तगाल का इतिहास भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज एवं पुर्तगालियों का आगमन यद्पि 15 वी शताब्दी में भारत में वास्को डा गमा के आगमन से कई शताब्दी पूर्व यूरोपीय यात्री आते रहे थे, लेकिन केप ऑफ गुड़ हॉप होकर जब वास्को डा गमा 17 मई, 1498 में कालीकट पहुंचा, तो … Read more

British expansion in India – भारत में ब्रिटिश प्रसार

British expansion in India – भारत में ब्रिटिश प्रसार का सुरूप एक समय की बात है, जब ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था. ब्रिटिश प्रसार ने भारत में ब्रिटिश राज के दौरान समय के साथ विकसित हुआ और मीडिया और समाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

All India Radio (ऑल इंडिया रेडियो):

  • ब्रिटिश प्रसार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ऑल इंडिया रेडियो (AIR) था, जिसे 1930 में शुरू किया गया था.
  • यह भारत के विभिन्न हिस्सों में रेडियो प्रसारण करने का कार्य करता था
  • और लोगों तक न्यूज़, म्यूजिक, और कई अन्य प्रकार की जानकारी पहुंचाता था.

अखबार और मैगजीन (Newspapers and Magazines):

  • ब्रिटिश प्रसार के दौरान, अखबार और मैगजीन भी बड़े प्रसारण का हिस्सा बने थे.
  • इनमें से कुछ प्रमुख अखबार और प्रकाशक श्रीरंगम सादाशिव शास्त्री, अमृत बाजार पत्रिका, और ज़मीन्दार थे.

ब्रिटिश रेडियो और टेलीविजन (British Radio and Television):

  • ब्रिटिश रेडियो और टेलीविजन भी भारत में प्रसारित होते थे,
  • लेकिन यह अधिकांशत: हिन्दी, उर्दू, बंगाली, गुजराती, मराठी, पंजाबी, और
  • अन्य भाषाओं में सामाचार और मनोरंजन कार्यक्रम प्रसारित करते थे.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बाद,
  • ब्रिटिश प्रसार का नाम बदल गया और भारत सरकार ने भारतीय प्रसार और मीडिया को विकसित करने का काम किया.
  • इसके बाद, भारत में अपने प्रसारण और मीडिया क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, और
  • आजकल भारत में एक बड़ा और विविध मीडिया लैंडस्केप्स है,
  • जिसमें रेडियो, टेलीविजन, अखबार, मैगजीन, और इंटरनेट प्रसारण शामिल हैं
भारत में ब्रिटिश प्रसार

British expansion in India – भारत में ब्रिटिश प्रसार रतीय इतिहास में ब्रिटिश शासन के काल में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रायोगिक और स्थायी संचालित प्रसार प्रणालियों का उल्लेख हो रहा है। ब्रिटिश शासन भारत में 1858 से 1947 तक था, जिसके दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारतीय मीडिया को अपनी प्रासंगिकताओं के आधार पर नियंत्रित किया और संचालित किया।

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