भारत में शिक्षा का विकास अन्य क्षेत्र की भांति ही, भारत में शिक्षा नीतियों को भी धीरे धीरे औपनिवेशिक शासकों के विचारों और हितों के अनुरूप ढाला गया था।

प्रारम्भ में,

[भारत में शिक्षा का विकास ]कंपनी शासन के अंतर्गत

प्रारम्भ 60 वर्षों तक ईस्ट इंडिया कंपनी एक विशुद्ध व्यापारिक कंपनी थी। उसका उद्देश्य, केवल व्यापार करके अधिक से अधिक लाभ कमाना था। देश में शिक्षा को प्रोत्साहित करने में उसकी कोई रूचि नहीं थी। सुरवात में ब्रिटिश कंपनी का उदेशय सिमित था इसलिए इस काल में ब्रिटिश कंपनी ने भारत में शिक्षा के परम्परागत मॉडल को ही बनाये रखने पर ही विसेस बल दिया क्योकि भारत में शिक्षा में सुधार कंपनी के औपनिवेशिक हित के अनुकूल नहीं बैठते थे !

निष्कर्ष

अन्य क्षेत्रों की भांति ही भारत में शिक्षा की नीतिओं को भी धीरे धीरे विकसित करने के साथ बदलाव किया गया और अंग्रेजी शासकों ने अपनी शिक्षा निति की एक नीव रखी थी। परन्तु इसमें हम इसको विस्तार से आगे पढ़ेंगे जो की एग्जाम में पूछे गए प्रश्नों के आधार पर होगा। और आप एक अच्छा उत्तर लिख सकें।